श्रीकृष्ण के बेटे साम्ब ने कराया था सूर्य मंदिर का निर्माण, यहां नहाने से कुष्ठ रोगों से मिलती है मुक्ति

देश के प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में ज्यादातर सूर्यमंदिर बिहार में अवस्थित है। बिहार के गया सीमा के निकट नवादा जिला अंतर्गत नारदीगंज प्रखंड में हड़िया का प्राचीन सूर्य मंदिर को उसी श्रृंखला की एक कड़ी माना जाता है। हड़िया को द्वापरयुगीन सूर्यमंदिर माना जाता है। मंदिर और उसके आसपास पुरातात्विक महत्व की कई चीजें हैं, जो मंदिर की गौरवशाली अतीत को बयां करती है। यहां सूर्यनारायण की दुर्लभ मूर्ति और प्राचीन सरोवर है। लोक आस्था है कि इसे द्वापर काल में भगवान श्रीकृष्ण के बेटे साम्ब ने बनवाया था।

तालाब में नहाने से कुष्ठ रोगों से मिलती है मुक्ति…
मान्यता है कि यहां स्थित सरोवर में पांच रविवार स्नान करने से कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल जाती है। वैसे तो, यहां सालों भर लोग आते जाते रहते हैं, लेकिन छठ के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। बताया जाता है कि आम दिनों में गैर हिन्दू भी कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए तालाब में स्नान के लिए पहुंचते हैं। यह सामाजिक सदभाव का भी मिसाल है।

मंदिर से संबंध में मान्यता
अनुश्रुतियों के अनुसार एक बार श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को गोपियों ने भ्रमवश श्रीकृष्ण मान लिया था। साम्ब ने गोपियों को अपनी पहचान नहीं बताई और गोपियों की लीला में शरीक हो गए। इसकी जानकारी मिलने पर श्रीकृष्ण क्रोधित हो गए। उनके श्राप से साम्ब कुष्ठ रोगी हो गए। साम्ब ने जब श्रीकृष्ण से मुक्ति की प्रार्थना की, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें 12 सूर्य मंदिरों का निर्माण कराने को कहा। मान्यता है कि हड़िया का सूर्य मंदिर उन्हीं में से एक है ।

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कहां है हड़िया
गया और नालंदा जिले की सीमा पर हड़िया है। यह राजगीर से पांच किलोमीटर और नवादा से 31 किलोमीटर की दूरी पर है। इसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रभाव वाला इलाका मानते हैं। मगध सम्राट जरासंध का मुख्यालय राजगीर था। हड़िया के आसपास बड़गांव समेत कई प्रमुख सूर्यमंदिर है। मगध सम्राट् जरासंध की पुत्री धन्यावती भी राजगीर से हड़िया आती थी। माना जाता है कि समीप के धनियावां पहाड़ी पर अवस्थित शिव मंदिर की स्थापना की थी।