बिहार की राजधानी पटना के बिहटा में बनने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सारण शिफ्ट करने पर भी विचार हो रहा है। इसके लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने पिछले दिनों एक स्टडी कमेटी बनायी थी, जिसे दोनों स्थलों की तुलना करते हुए कहां एयरपोर्ट निर्माण में क्या समस्याएं हैं और कितना फायदा-नुकसान है, यह बताना था।
बिहटा में जमीन अधिग्रहण बनी समस्या
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहटा में जमीन अधिग्रहण एक समस्या है। वर्तमान जरूरतों के अनुरूप जमीन मिल भी जाये, तो भविष्य में इसे और अधिक बढ़ाना संभव नहीं हो पायेगा और पटना एयरपोर्ट की तरह ही यह लॉक हो जायेगा, जबकि सारण में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी और वहां जरूरत से अधिक जमीन भी आसानी से रखी जा सकती है, ताकि भविष्य के विस्तार में भी परेशानी न हो। जमीन की कमी के कारण बिहटा एयरपोर्ट पर रनवे विस्तार में भी परेशानी आ रही है, जबकि अतिरिक्त जमीन उपलब्ध हाेने के कारण सारण में पैरेलल (समानांतर) रनवे बनाना भी संभव होगा। अभी तक इसपर कोई भी फैसला नहीं लिया गया हैं। लेकिन एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया विचार कर रहा हैं।
सारण में सब कुछ करना होगा नए सिरे से
हालांकि, तुलनात्मक अध्ययन में यह भी सामने आया कि बिहटा में रनवे के पहले से होने और निर्माण की योजना और डीपीआर भी बन जाने के कारण वहां दो से ढाई साल में सिविल एनक्लेव का निर्माण पूरा हो जायेगा, जबकि सारण में सब कुछ नये सिरे से होने के कारण वहां चार से पांच साल लग जायेंगे।
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