रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) ‘उड़ान’ योजना में शामिल बिहार के रक्सौल एयरपोर्ट से उड़ान की उम्मीद जगी है। राज्य सरकार से 121 एकड़ जमीन उपलब्ध होने के बाद इसके बुनियादी विकास के लिए काम शुरू होगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) के महाप्रबंधक (योजना) अमित भौमिक ने बीते पांच अगस्त को एक पत्र के जरिए नई संभावनाओं का जिक्र किया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एयरपोर्ट विस्तार के लिए जमीन की मांग बिहार सरकार से की है।
72 से 78 सीटर विमान उड़ाया जा सकता
फिलहाल एयरपोर्ट के पास 213 एकड़ भूमि है। यह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का एक नॉन ऑपरेशनल हवाई अड्डा है। एएआइ द्वारा किए गए तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता (टीईएफए) सर्वे में पाया गया है कि इसे एटीआर-72/क्यू-400 प्रकार के एयरक्राफ्ट के परिचालन के लिए विकसित किया जा सकता है। अर्थात 72 से 78 सीटर विमान उड़ाया जा सकता है। यहां आरसीएस के तहत विमानन कंपनियों की ओर से उड़ान के लिए बीड की भी तैयारी चल रही है। हालांकि अभी तक किसी ने रुचि नहीं दिखाई है।
पीएम पैकेज से मिले हैं 250 करोड़
बुनियादी ढांचा, भूमि और हवाई पट्टी उपलब्ध होने के बावजूद यह हवाई अड्डा बेकार पड़ा है। पीएम पैकेज के तहत इसके विकास के लिए वर्ष 2015 में 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। हालांकि राशि अभी खाते में ही पड़ी है। एयरपोर्ट की मांग को लेकर मुखर लोगों को कहना है कि बगैर इंफ्रास्ट्रक्चर के कोई भी कंपनी यहां से अपनी सेवा शुरू करने में दिलचस्पी नहीं लेगी, इसलिए बिड में शामिल किए जाने से पहले इसे विकसित किया जाना आवश्यक है। यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों सेवाओं की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र के समुचित विकास के साथ भारत और नेपाल के लोगों के लिए हवाई यात्रा सुगम हो सके।
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