आत्मनिर्भर बिहार के बजट में पढ़ाई-दवाई के साथ गांवों के विकास पर जोर

शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, आधारभूत संरचना और समाज कल्याण को केंद्र में रख कर बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को विधान मंडल में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। यह दो लाख, 37 हजार, सात सौ 91 करोड़ रुपये का है। 25 हजार आठ सौ 85 करोड़ रुपये के घाटे के बजट में अगले वित्तीय वर्ष में 9.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। मंदी के बावजूद चालू वित्त वर्ष की तुलना में इस बजट में 19 हजार तीन सौ 88 करोड़ रुपये (8.88) प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट दो लाख 18 हजार करोड़ रुपये का था। हालांकि, कोरोना महामारी में हुए अतिरिक्त व्यय के चलते चालू वित्त वर्ष में कुल खर्च बढऩे का अनुमान है। यह दो लाख 55 हजार करोड़ रुपये तक जा सकता है। अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक एक लाख 65 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। बजट का आकार बढ़ने के बावजूद कोई नया कर नहीं लगाया गया है।

उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि बढ़ी राशि की भरपाई के लिए राज्य के अपने राजस्व स्रोत से 47 हजार पांच सौ 55 करोड़ रुपये की उगाही का लक्ष्य रखा गया है। यह चालू वित्त वर्ष के 41 हजार तीन सौ 87 करोड़ रुपये की तुलना में छह हजार एक सौ 35 करोड़ रुपये अधिक है। इसमें अकेले वाणिज्य कर विभाग के कर संग्रह में पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी की गई है।

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लघु उद्योगों को दिया जाएगा बढ़ावा
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट का 65 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास और आधारभूत संरचना पर खर्च होगा। उन्होंने बताया कि रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। सात निश्चय-एक की लंबित योजनाओं को अगले वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सात निश्चय-दो की जिन योजनाओं पर अब तक काम नहीं शुरू हुआ है, उस पर अगले वित्तीय वर्ष में काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट की बढ़ी हुई राशि की उगाही आंतरिक स्रोत और केंद्रीय करोड़ में हिस्सेदारी और कर्ज से होगी।

सरकार का जोर इन क्षेत्रों के विकास पर
सबसे अधिक शिक्षा पर 39191.87 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का जोर बिजली-सड़क-पानी जैसी आधारभूत संरचनाओं पर है। इस पर 29749 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। इसी तरह स्वास्थ्य पर 16134.39 करोड़, कृषि सेक्टर में 7712.30 करोड़, कल्याण योजनाओं पर 12375.07 करोड़ रुपये और उद्योग में निवेश पर 1643.74 करोड़ का प्रावधान किया गया है। एससी-एसटी के लिए चल रही योजनाओं के लिए 19688.46 करोड़ रुपये का प्रावधान है। कुल मिला कर बजट में सबके लिए कुछ न कुछ है।

शिक्षा के क्षेत्र में…

  • हर जिले में बनेगा एक मॉडल प्लस टू हाईस्कूल।
  • 4638 असिस्टेंट प्रोफसरों की बहाली होगी।
  • प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त किये जायेंगे 40,558 प्रधान शिक्षक।
  • राज्य के मध्य विद्यालयों में 8,386 फिजिकल टीचरों की होगी नियुक्ति।

खेती-किसानी के लिए सरकार की नीति

  • तेलहन और दलहन के बीज मुफ्त में किसानों को दिये जायेंगे।
  • किसानों की आमदनी में वृद्धि पर बजट में किया गया है फोकस।
  • 8463 पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक खोले जायेंगे शहरों में सब्जी बिक्री केंद्र खोलने की योजना।
  • 54 बाजार प्रांगणों को 2446 करोड़ रुपये से विकसित किया जायेगा।
  • राज्य में 30 फीट के 361 चेक डैम बनाये जायेंगे।
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स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार…

  • पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र से शुरू होगी एमबीबीएस की पढ़ाई।
  • नये मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विवि अधिनियम-2021 को मंजूरी।

कौशल विकास के लिए…

  • पॉलिटेक्निक संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना।
  • हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोले जायेंगे, सभी टेक्निकल संस्थानों में अब हिंदी में भी होगी पढ़ाई।

बजट में खास

  • 16000 नयी नियुक्तियां।
  • सभी आइटीआइ होंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस।
  • कोई नया कर नहीं लगेगा।
  • 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 9.7% , 2020-21 में यह 2.5% रही।
  • केंद्र सरकार से मिलने वाले केंद्रीय करों का हिस्सा 91180 करोड़ रुपये होगा।
  • आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किसानों को 35% अनुदान दिया जायेगा।
  • राज्य में सड़कों के नेटवर्क को और बेहतर बनाया जायेगा।
  • नयी सड़क बनाने और मरम्मत पर करीब 16,430.99 करोड़ रुपये खर्च होंगे।