जी हां.. ये हैं आंध्र प्रदेश की मूल निवासी डॉ. एन. विजय लक्ष्मी। डॉ. एन. विजयलक्ष्मी पिछले छह बार छठ मना चुकीं हैं। यह इनका सातवां साल है। 1995 बैच की बिहार कैडर की आईएएस अफसर। फिलहाल बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन की सचिव हैं। इनके पति एस. सिद्धार्थ भी बिहार कैडर के आईएएस अफसर। दोनाें दक्षिण से आते हैं, मगर छठ में इनकी आस्था इतनी प्रबल हुई कि छठ करने लगीं।
यह पूछने पर दक्षिण के राज्यों में तो छठ नहीं होती, आप कैसे करने लगीं?
उन्होंने कहा- 24 वर्ष से बिहार में हूं। इस दौरान बिहार की संस्कृति और परंपराओं को करीब से जाना जो काफी पसंद आई। पहले जब विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी थी तब छठ व्रतियों के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में साफ-सफाई समेत कई दूसरी व्यवस्था करती थीं। तब लोगों की छठ के प्रति आस्था देखकर इसमें रूचि जगने लगी।
सूर्य ही ऐसे देवता है जो दिखने वाले हैं और यह उनसे जुड़ा है। ऐसे में छठ हमें प्रकृति से जुड़ने का मौका देता है।
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