आज हिंदी दिवस है और सरकारी आयोजनों से लेकर सोशल मीडिया पर सिर्फ हिंदुस्तानी ही नहीं हिंदी बोलने वाला विश्व का हर आदमी गर्व महसूस कर रहा है। हिंदी दुनिया में सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रही भाषा है और इंटरनेट पर भी इसकी मांग पिछले कुछ सालों में अंग्रेजी की तुलना में 5 गुना तेजी से बढ़ी है। मसला ये है कि लोगों को हिंदी पर गर्व तो है लेकिन क्या वो लोग अपनी भाषा के गौरवशाली इतिहास और उससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को जानते हैं?
आज हम आपको हिंदी से जुड़े कुछ ऐसे ही तथ्य बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आपका अपनी भाषा पर गर्व और बढ़ जाएगा…
1. आपको ये तो पता होगा कि हिंदी भी संस्कृत से निकली एक भाषा है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि हिंदी का पहली बार इस्तेमाल कब और किसने किया था। हिन्दी शब्द फारसी शब्द ‘हिन्द’ से आया है, जिसका मतलब ‘सिंधु नदी की भूमि’ है। हिंदी को पहले ‘अपभ्रंश’ के नाम से जाना जाता था और 400 AD में कालजयी कवि कालिदास ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया था। उन्होंने अपभ्रंश का इस्तेमाल कर नाटक ‘विक्रमोर्यवशियम्’ लिखा था।
2. बहुत से लोगों को लगता है कि हिंदी सिर्फ भारत की और उसमें भी सिर्फ उत्तर भारत की भाषा है। ऐसे लोगों को हम बताना चाहते हैं कि ऐसा नहीं है भारत के आलावा हिंदी को मॉरीशस, सूरीनाम, फिजी, गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबेगो, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी बोली और समझी जाती है। दुनिया में करीब 54 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं। हिंदी सिर्फ मंदारिन और अंग्रेजी से ही पीछे है जबकि स्पेनिश से रेस चलती रहती है।
3. फ़िजी दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया में बसा एक द्वीप देश है। क्या आप जानते हैं कि फ़िजी में हिंदी को आधाकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इसे फ़िजियन हिन्दी या फ़िजियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं। यह भारत में बोली जाने वाली अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का समावेश है।
4. हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के नागपुर से साल 1975 में हुई थी। 10 जनवरी 1975 को नागपुर में विश्व हिंदी सम्मेलन रखा गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। हालांकि इसे साल 2006 में आधिकारिक दर्जा और वैश्विक पहचान मिली।
5. भारतीय संविधान ने 14 सितंबर 1949 में हिन्दी को राजभाषा का दर्ज़ा दिया। इसलिए हर साल 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। बतादें पहला हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था।
6. बिहार वो पहला राज्य है जिसने हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया। साल 1881 तक बिहार की आधिकारिक भाषा उर्दू हुआ करती थी जिसके स्थान पर हिंदी को अपनाया गया।
7. हिन्दी भारत की उन सात भाषाओं में से एक है, जिसका इस्तेमाल वेब एड्रेस बनाने में भी किया जाता है।
8. अंग्रेजी में इस्तेमाल होने वाले शब्द जैसे कि गुरू, जंगल, कर्मा, योगा, बंगला, चीता, लूटपाट, ठग या अवतार सरीखे शब्द हिन्दी भाषा से ज्यों के त्यों उठा लिए गए हैं। सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं सेन्ट्रल एशियन और बाकी यूरोपीयन भाषाओं में भी हिंदी के काफी शब्द पाए जाते हैं।
9. साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार ‘अच्छा’, ‘बड़ा दिन’, ‘बच्चा’ और ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे हिन्दी शब्दों को शामिल किया गया।
10. हिंदी विश्व की उन गिनी-चुनी भाषाओं में से एक है जिनमें जो लिखा जाता है वही बोला भी जाता है। हिंदी में एक भी ऐसा शब्द नहीं है जिसका उच्चारण उसके लिखने से थोड़ा भी अलग हो। इसी के चलते अंग्रेजों ने हिंदी को बेस्ट फोनेटिक लेंग्वेज कहा था।
11. हिन्दी भाषा सीखने के लिहाज से अन्य भाषाओं की तुलना में आसान और दिलचस्प है। इसमें शब्दों का वही उच्चारण होता है, जो लिखा जाता है।
12. केंद्रीय हिंदी संस्थान में हर साल 40 से अधिक देशों के करीब 100 छात्र-छात्राएं हिंदी सीखने आते हैं। अपने-अपने देश लौटकर वे हिंदी के जरिए रोजगार के अवसर पाते हैं। यहां हिंदी सीखने के लिए अफगानिस्तान, अर्मेनिया, बांग्लादेश, चाड, चीन, क्रोएशिया, मिस्र, फिजी, फ्रांस, हंगरी, लिथुआनिया, मॉरीशस, मैक्सिको, मंगोलिया, रूस, स्लोवाकिया, दक्षिण कोरिया, सुरीनाम, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, त्रिनिदाद टोबैगो, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान, वियतनाम आदि देशों से छात्र आते हैं। हिंदी सीख चुके अधिकतर छात्र हिंदी शिक्षण को पेशा बनाते हैं। भारत के साथ व्यापार से जुड़ी कंपनियों में उन्हें आसानी से नौकरी मिल जाती है। उनके सामने दूतावास में अधिकारी, पर्यटक गाइड, अनुवादक आदि बनने के मौके भी होते हैं।
13. दुनिया के 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है।
14. लेखक लल्लू लाल की साल 1805 में प्रकाशित हुई किताब ‘प्रेम सागर’ को आधुनिक हिंदी में पब्लिश हुई पहली किताब माना जाता है। साल 1930 में दुनिया को पहला हिंदी टाइपराइटर मिला। हालांकि आधुनिक देवनागरी स्क्रिप्ट 11वीं शताब्दी में अस्तित्व में आई थी। हिंदी छपाई का पहला सबूत कलकत्ता में साल 1796 में जॉन गिलक्रिस्ट की किताब ‘ ग्रामर ऑफ़ हिंदुस्तानी लेंग्वेज’ के रूप में मिलता है।
15. हिंदी के विदेशों में प्रचार-प्रसार में सबसे ज्यादा भूमिका हिंदी में रचे गए साहित्य ने नहीं बल्कि बॉलीवुड फिल्मों ने निभाई है। हिंदी गीत-संगीत और फिल्मों को विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है।
16. इसे आप हिन्दी की ताकत ही कहेंगे कि अब लगभग सभी विदेशी कंपनियां हिन्दी को बढ़ावा दे रही हैं। यहां तक कि दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में पहले जहां अंग्रेजी कॉनटेंट को बढ़ावा दिया जाता था वही गूगल अब हिन्दी भाषा वाले कॉन्टेंट को भी प्रमुखता दे रहा है। हाल ही में ई-कॉमर्स साइट अमेजन इंडिया ने अपना हिन्दी ऐप्प लॉन्च किया है। ओएलएक्स, क्विकर जैसे प्लेटफॉर्म पहले ही हिन्दी में उपलब्ध हैं। स्नैपडील भी हिन्दी में है।
17. इंटरनेट के प्रसार से किसी को अगर सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वह हिन्दी है। 2016 में डिजिटल माध्यम में हिन्दी समाचार पढ़ने वालों की संख्या 5.5 करोड़ थी, जो 2021 में बढ़कर 14.4 करोड़ होने का अनुमान है।
18. 2021 में हिन्दी में इंटरनेट उपयोग करने वाले अंग्रेजी में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से अधिक हो जाएंगे। 20.1 करोड़ लोग हिन्दी का उपयोग करने लगेंगे। गूगल के अनुसार हिन्दी में कॉन्टेंट पढ़ने वाले हर साल 94 फीसदी बढ़ रहे हैं, जबकि अंग्रेजी में यह दर सालाना 17 फीसदी है।
19. वैज्ञानिक भाषा है हिंदी
हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा क्यूँ है उसके पीछे कुछ कारण हैं, जैसे :
– क, ख, ग, घ, ङ: कंठव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है।
– च, छ, ज, झ,ञ: तालव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ तालू से लगती है।
– ट, ठ, ड, ढ , ण: मूर्धन्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा
– (मुंह के अंदर का तालु और ऊपर के दाँतों के पीछे सिर की तरफ़ का भाग जिसे जीभ का अगला भाग ट्, ठ्, ड्, ढ्, और ण वर्ण का उच्चारण करते समय उलटकर छूता है) से लगने पर ही संभव है।
– त, थ, द, ध, न: दंतीय कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है।
– प, फ, ब, भ, म: ओष्ठ्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता है।
– य, र, ल, व: अंतस्थ कहलाते हैं क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि अंदर से निकलती है।
– श, ष, स, ह: ऊष्म कहलाते हैं क्योंकि इनके उच्चारण करते समय अंदर से गर्म ऊष्मा निकलती है।
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