मकर राशि में सूर्य की संक्रान्ति को ही मकर संक्रांति कहते हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाता है और नए साल पर अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाती है। यह पर्व सूर्य के राशि परिवर्तन करने के साथ ही सेहत और जीवनशैली से इसका गहरा नाता है। इन सबके साथ ही यह लोगों की धार्मिक आस्था का भी पर्व है। वहीं यह पर्व किसानों की मेहनत से भी जुड़ा है, क्योंकि इसी दिन से फसल कटाई का समय जाता है हो।
मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे देश में अलग-अलग संस्कृति में मनाया जाता है। देशभर में ऐसे कई प्रदेश हैं, जहां मकर संक्रांति को न सिर्फ विभिन्न नामों से जाना जाता है बल्कि कई धार्मिक आस्था भी भिन्न है। बिहार में यह मकर संक्रांति या सकरात या खिचड़ी (स्थानीय बोलियों में) के रूप में मनाया जाता है। अब हम आपको बताते है 5 ऐसे काम जो जरूर करते हैं बिहारी मकर संक्रांति के दिन:
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